कुछ छोड़ कर जाती है !
हर बार जब वो आती है तो कुछ छोड़ कर जाती है।। पलंग के नीचे मिली इक कान की बाली, खिलौने बने सिक्कों की इक डिब्बी खाली । सोफे के किनारे पड़ा इक रंगीन स्कार्फ़, और मेरी डायरी पे कुछ आध...
A Collection of moments that might otherwise would have been lost